आशीष तेतरवाल Ashish Tetarwal

08 Dec 2024

पहला हुस्न का सवाल

मेरा देख के ज़ख्म का हाल पहला हुस्न का सवाल वफ़ा का रंग लाल लाल

17 Nov 2024

यूं करके खुद का जीना

याद कर के मुझे परेशान रहोगे तुम मेरी याद में आंखें नादां रखोगे तुम भूल जाना मुझे कुछ लम्हों के बाद यूं खुद का जीना आसान करोगे तुम

15 Nov 2024

छाँव

जिल्लत मोहलत ख्वाब सामने चलते हैं हम ज़मीं नापने किसी दरख़्त पे टिकेंगे छाँव लेंगे धूप लेंगे दिखेगा हमको सहरा कहीं ताल तड़ाग पहरा कहीं नाज़नीं सिर सेहरा कहीं हमें मजलूमों से मिलना है हमें बच्चों सा खिलना है कोई कागज़ भी कोरा हो शक्ल हो छिछोरा हो तुम्हारा नाम हानि हो हम उसे उल्टा पढ़ें कहीं मिट्टी पांव तले हम सबसे गले मिलें एक समंदर लहराए हम बारिश में नहाके आएँ कि मंज़र कैसा कैसा हो पथिक मंज़िल पे बैठा हो इक दिन हमको उठना है चलना है मचलना है

कल के तेरे वादे

कल के तेरे वादे पे यकीन नहीं है हम दगा खाने के शौकीन नहीं हैं तूने बांट रखी हैं जमाने को जागीरें मेरे लिए तेरे पास ज़मीन नहीं है फेंक दिया मुझे समझ के मेले का खिलौना बच्ची, खेलकर कहती है ये रंगीन नहीं है

13 Nov 2024

I got a fight bae

I'm sure u are trying to find me But I'm in the crowd now, With crowd I share the bow To the mighty, to the forces Better you abandon the horses They need the lights no more They have to be the sources I got a fight bae There's only a right way There's a sight anyway You wanna say me hey Say me hey

तेरी याद से ज्यादा

क्या अब ख्याल नहीं आता कोई बात नहीं बहुतों को नहीं आता खाली पेट तेरा विचार जेहन में नहीं आता खाने के बाद असर करती है तू गोली से ज्यादा ऐसा ही दिन निकल जाता है कभी पूरा कभी आधा और शाम ढले नींद तेरी याद से ज्यादा कोई ख्वाब नहीं आता नींद में फिर सुबह मैं आधा कोई दरवाज़ा खटखटाए मैं उठके नहीं आता तू सुबह सुबह आया तू अब तक कहां था कितनो को मैं फिर याद रखू कोई तो काम नहीं आता मैं दो ही नाम रटता हूं एक कन्हैया एक राधा

ऐसा कहने वाली हूर

ऐसा कहने वाली हूर हुस्न के नशे में चूर निगाहों से देखो दूर हमसे हो सके जितनी दूर

उन्हें बुलाओ इकठ्ठा करो

मैं मर चुका था थोड़ा, मुझे अब जीना है एक गिलास लेकर आ मुझे पानी पीना है फेहरिस्त से मिटा दो कामज़र्फो के नाम उन्हें बुलाओ इकठ्ठा करो जिनका फौलादी सीना है

मेरी तरह खुदा से कहना

सुना है तुम खिलाफ हो गए हो फिर तो तुम जवाब हो गए हो उजाड़ कर मेरे जेहन का जहां लगता है आबाद हो गए हो पहले हमें जान कहते थे अब किसकी जान हो गए हो दिल तोड़ के लगता होगा तुमको बड़े महान हो गए हो एक दिन मेरी तरह खुदा से कहना ज़िंदगानी से परेशान हो गए हो

राजा और रानी

पहले उसने खूब कहा, ए काश के हम राजा और रानी होते ताश के हम कौन जाने कितने यार थे उसके दूर का कोई और पास के हम